विकासनगर देहरादून जिले का एक महत्वपूर्ण शहर

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  विकासनगर देहरादून जिले का एक महत्वपूर्ण शहर है , जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विकासशील बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाता है। यह शहर देहरादून से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के करीब होने के कारण यह एक प्रमुख आवासीय और औद्योगिक केंद्र बनता जा रहा है। विकासनगर की अनुमानित जनसंख्या 2030 तक लगभग 1 लाख होने की संभावना है, जो इसके तेजी से विकास और शहरीकरण को दर्शाता है। इस शहर में कई आवासीय सोसाइटीज और औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जो इसकी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। *विकासनगर के प्रमुख पहलू:* - *भौगोलिक स्थिति*: विकासनगर देहरादून जिले में स्थित है, जो उत्तराखंड की राजधानी है। - *विकास*: शहर में तेजी से विकास हो रहा है, जिसमें आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। - *जनसंख्या*: 2030 तक जनसंख्या लगभग 1 लाख होने की संभावना है। - *शिक्षा और स्वास्थ्य*: शहर में कई शिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। - *परिवहन*: विकासनगर देहरादून और अन्य निकटवर्ती शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। विकासनगर का विकास और इसकी बढ़ती जनसंख्...

जलवायु परिवर्तन और इसका प्रभाव

जलवायु परिवर्तन ऐसे तो 1970 के आसपास वैज्ञानिकों को इसके बारे में पता चला लेकिन बहुत सी खामियां होने के कारण जनता बहुत कम इसके बारे में बताया गया और आज 2021 में यहां इस कदर हो चुका है की इसका असर प्राकृतिक तौर पर तो है ही साथ में जानवरों की प्रजाति पर भी इसका बहुत गहरा असर पड़ा है
 



आज इसका सीधा असर पड़ा है  इंसानों पर प्राकृतिक तौर पर तापमान बढ़ने से हो रहा है जिसमें धरती पर सभी जीव जंतु आते हैं अगर सीधे तौर पर बात करें तो जानवरों पर इनके प्रजनन क्षमता पर बहुत असर पड़ रहा है जिसका सीधा मतलब यह है कि अगर तापमान ज्यादा बढ़ता है या बढ़ता रहेगा तो जानवरों की आदि प्रजातियों की प्रजनन क्षमता पर बहुत असर पड़ता है जिससे जानवरों कीट पक्षी जलचर आदि पर यह सर ऐसे दिखता है तापमान बढ़ने का की कछुआ जो समुद्र में रहता है उस पर तापमान गरम और 


ठंडे रहने से उनके मादा और नर के प्रजनन पर असर पड़ता है अगर ठंडे ठंडे रहते हैं तो नर कछुए पैदा होते हैं और अगर अंडे गर्म रहेंगे तो मादा कछुए ज्यादा पैदा होगी इसी तरीके से इनका असर कीटो आदि पर बहुत गहरा असर पड़ता है जिससे आने वाले समय में कुछ जीव जंतु जलचर कीट आदि की प्रजातियां खत्म भी हो सकती है यह जानकारियां पहले भी मिल जाती, लेकिन  जागरूकता के अभाव में लोग जान नहीं पाए और आज 21वीं सदी में इसका असर इंसानों पर भी तापमान बढ़ने से हुआ है और तापमान बढ़ने से सूखा तो पड़ेगा ही और 



आने वाले समय में यानी 2030 तक पृथ्वी का तापमान बढ़ने के कारण बहुत से समुद्र के किनारे रहने वाले बड़े-बड़े शहर और दीप डूब सकते हैं और इस से सीधा असर मनुष्यों की प्रजाति पर भी पड़ेगा और बेरोजगारी पर भी पड़ेगा और इसका समाधान एकमात्र जैविक खेती को बढ़ावा देना और 


ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना इसके साथ जल संरक्षण जल प्रबंधन और वर्षा जल संरक्षण के कार्य ज्यादा बढ़ाना आदि बहुत जरूरी है और इसके साथ प्रदूषण को कम करना भी बहुत जरूरी है! 


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