उभरता हुआ भारतीय शेयर बाजार
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21वीं सदी में वैसे तो वर्चुअल बिज़नस की शुरुआत विश्व के तमाम विकसित देशों से शुरू हुई होगी और यह वर्चुअल बिज़नस कुछ विकसित देशों में तो करीब 30 परसेंट से 50 पर्सेंट तक पहुंच चुका है जबकि #अविकसितदेश और विकासशील देशों में यह मात्र करीब 5 से 10% के बीच होगा जो कि यह दर्शाता है कि अभी अविकसित देशों और विकासशील देशों में #वर्चुअलबिजनेस या #आभासीबिजनेस करने के लिए बहुत कुछ काम करने की जरूरत है वैसे ही विकासशील देश और अविकसित देशों में जो व्यवस्थित तरीके से जो व्यवसाय उठा है वह शेयर बाजार यानी स्टॉक मार्केट जिसमें कि एशिया का नंबर वन स्टॉक एक्सचेंज #निफ़्टी जिसे #नेशनलस्टॉकएक्सचेंज लिखा जाता है कोरोना महामारी से जहां विश्व के शक्तिशाली देशों की अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है वहीं कुछ देश ही या कुछ देशों के शेयर बाजार ही सकारात्मक रुझान दे रहे हैं
वह भी अपने सकारात्मक विदेशी investor द्वारा इन्वेस्ट करने के कारण उसी में भारतीय बाजार है शेयर बाजार जिसमें 2020 में बीएसई सेंसेक्स 50000 के पास भी जा सकता है और वही #निफ़्टी भी 15000 के पार जा सकती हैं इसमें म्यूच्यूअल फंड उद्योग का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है अगर हम बात करें वर्ष 2020 की तो म्यूचुअल फंड उद्योग की संपत्ति 17% बड़ी है जबकि वर्ष 2019 में म्यूचुअल फंड उद्योग ने 18% की तेजी दर्ज की थी और वर्ष 2020 में म्यूच्यूअल फंड की संपत्ति 17 फ़ीसदी बढ़कर 31 लाख करोड़ के पार पहुंच गई है और इस तेजी से #इक्विटी, #इपीएफ और ओपन एंडेड डेट फंड का बड़ा योगदान रहा है #म्यूचलफंडउद्योग को #भारत में बढ़ाने में और आज अगर हम बात करें भारत में म्यूच्यूअल फंड हाउसों की तो वह भारत में मात्र 44 हैं जिन्होंने म्यूचुअल फंड उद्योग में 4.5 लाख करोड़ की संपत्ति जोड़ी है वर्ष 2020 में ,जिस तरीके से #एफआईआई आदि भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर रहे हैं भविष्य की संभावनाओं को देखें वही अगर हम बात करें भारतीय #अर्थव्यवस्था की जिसमें बहुत कुछ आधारभूत ढांचे और रूपरेखा तैयार करने की बहुत जरूरत है वह भी सभी पुराने और नए संभावित क्षेत्रों में या यूं कहें स्माल मीडियम इंटरप्राइज सेक्टर में जोकि #भारतीय अर्थव्यवस्थाओं को बहुत बड़ी आधारभूत सहायता देगा क्योंकि यह ज्यादातर लोगों को #स्वरोजगार देने का मुख्य माध्यम भी है इन छोटी कंपनियों में भारतीय ज्यादातर #नौकरी करते हैं और आने वाले समय में लगभग 2030 तक यही कंपनियां big interprises भी बनेगी !
अगर हम बात करें फिजिकल बिजनेस के मतलब #शारीरिकबिजनेस जिसमें विश्व की तमाम अर्थव्यवस्था में सबसे पहले ,जिसमें कि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था हैं और जबकि अविकसित देश और विकासशील देशों में अभी भी 90% जो व्यवसाय है वह #फिजिकलबिजनेस के द्वारा ही संपन्न हो रहा है और यही कंपनियां उन देशों की आधारभूत कंपनियां है और रोजगार देने वाली है जबकि यहां वर्चुअल बिज़नस 3% ले 5% से 10% हो रहा है!
अब बात आगे बढ़ने की और ज्यादा रोजगार उत्पन्न करने की तो उसमें विकासशील ,अविकसित देशों को अपनी अर्थव्यवस्था में सभी #व्यवसायिकक्षेत्रों में #आधारभूतढांचे बनाने के साथ आधारभूत #कर्मचारीकल्याणकारीयोजनाएं लानी भी होगी और साथ में नए व्यवसायओ के लिए भी जागरूक होकर उन्हें समय रहते स्थापित भी करने पड़ेंगे संगठित क्षेत्र में जिसमें करीब 1000 से 10000 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं क्योंकि जहां विकसित देशों की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 -30 के बाद धीमी हो जाएगी वही #अविकसित देशों की अर्थव्यवस्था और विकासशील देशों की #अर्थव्यवस्था विश्व की टॉप अर्थव्यवस्थाओं में आने के लिए अग्रसर होगी जिसमें से भारत, चाइना देशों की अर्थव्यवस्था है नंबर 1 नंबर 2 हो सकती है!
Note- यह ब्लॉगर के अपने विचार हैं!
( Note- Read this content in other language you can click on Google translater above three line show left side)
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