मकर सक्रांति
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#मकरसक्रांति का #हिंदूधर्म के अनुसार #विशेष #महत्व है और विशेष पर्व में सूर्य की दिशा बदलती है और इसका धार्मिक के साथ ही भौगोलिक महत्व भी है मकर #सक्रांतिपर्व पूरे भारत में और दूसरे देश नेपाल में भी बहुत उत्साह से मनाया जाता है इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और वर्तमान 21वी शताब्दी में यह त्यौहार जनवरी माह के 14 गए या 15 दिन ही पड़ता है लेकिन वर्ष 2021 में मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा और संक्रांति पर शुभ मुहूर्त सुबह 8:30 से शाम 4:46 तक रहेगा मां के शुक्ल पक्ष में मकर सक्रांति का पर्व मनाया जाता है इस दिन भगवान सूर्य #उत्तरायण हो जाएंगे और सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा वैसे मकर सक्रांति का दिन ज्योतिष के अनुसार किसी भी शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए काफी #शुभ माना जाता है अतः
1-अगर आप का कोई कार्य करने को है तो मकर सक्रांति का दिन हिंदू धर्म के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है और अपना #सामाजिक , #व्यवसायिक , #व्यक्तिगत शुभ कार्य किसी भी पंडित को बुला करके इसके #शुभमुहूर्त के समय ही या अपने आप ही वह कार्य आप इस दिन खुशी मन से प्रारंभ कर सकते हैं !
2- मकर सक्रांति के दिन हिंदू धर्म और #ज्योतिष के अनुसार गंगा नदी में स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है हिंदू पंचांग के अनुसार पोष महा दसवां महीना होता है इसी माह में मकर सक्रांति का पर्व मनाया जाता है !
3-ज्योतिष के अनुसार पौष मास की #पूर्णिमा पर #चंद्रमा पुण्य नक्षत्र में रहता है जिसके कारण अधिक ठंड बढ़ने के साथ इस माह को पूस मतलब #पूसमाह भी कहा जाता है ज्योतिष आचार्य के अनुसार पौष मास में भगवान #सूर्य की उपासना करने से आयु व ओज में भी वृद्धि होने के साथ स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और इस दिन सूर्य की उपासना करने का महत्व कई गुना बढ़ जाता है !
4- मकर सक्रांति के दिन गर्म वस्त्रों का #दान शुभ माना जाता है और इस माह में लाल और पीले रंग के वस्त्र पहनने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है और महा के रविवार के दिन तांबे के बर्तन में जल भरकर और उसमें गुड लाल चंदन से सूर्य को जल देने से पद सम्मान में वृद्धि होने के साथ व्यक्ति के शरीर में #सकारात्मकशक्तियों का #विकास होता है और #व्यवसाय ,#सामाजिककार्य , #व्यक्तिगत कार्य और इसके साथ ही #आध्यात्मिकशक्तियों का भी विकास होता है!
5- मकर सक्रांति का दिन हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंक दिया था और इस दिन भगवान की जीत को मकर सक्रांति के रूप में मनाया जाता है और मकर सक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और बसंत मौसम का आगमन आरंभ हो जाता है इसके साथ दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के घर जाते हैं और ऐसे में पिता और पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है इसलिए इस दिन भगवान सूर्य और शनि की आराधना शुभ फल देने वाला होता है !
6- मकर सक्रांति पर्व #भारत देश और #नेपाल देश के सभी प्रांतों में भांति भांति के #रीति-रिवाजों द्वारा #भक्ति एवं उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है जो कि निम्न प्रकार के नामों से जाना जाता है;
A - मकर सक्रांति के नाम से छत्तीसगढ़ गोवा उड़ीसा हरियाणा बिहार झारखंड आंध्र प्रदेश तेलंगाना कर्नाटक केरल मध्य प्रदेश महाराष्ट्र मणिपुर राजस्थान सिक्किम उत्तर प्रदेश उत्तराखंड पश्चिम बंगाल गुजरात और जम्मू आदि राज्यों में ज्यादातर इस नाम से ही त्यौहार मनाया जाता है
B- थाई पोंगल उज्वर तिरुनल नाम से तमिलनाडु में यह त्योहार मनाया जाता है
C - उत्तरायण नाम से गुजरात उत्तराखंड मैं त्यौहार मनाया गया
D- माघी नाम से हरियाणा हिमाचल प्रदेश और पंजाब में यह त्यौहार मनाया जाता है
E- भोगली बिहू नाम से असम राज्य में यह त्योहार मनाया जाता है
F- शिशूर संक्रांत नाम से कश्मीर घाटी में यह त्यौहार मनाया जाता है
G- खिचड़ी नाम से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बिहार राज्यों में यह त्यौहार मनाया जाता है
H- पोस सक्रांति नाम से पश्चिम बंगाल राज्य में यह त्योहार मनाया जाता है
I- मकर संक्रमण नाम से कर्नाटक राज्य में यह त्योहार मनाया जाता है
J- लोहरी नाम से पंजाब राज्य में यह त्यौहार मनाया जाता है! ( Note- Read this content in other language you can click on Google translater above three line show left side)
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