विकासनगर देहरादून जिले का एक महत्वपूर्ण शहर

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  विकासनगर देहरादून जिले का एक महत्वपूर्ण शहर है , जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विकासशील बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाता है। यह शहर देहरादून से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के करीब होने के कारण यह एक प्रमुख आवासीय और औद्योगिक केंद्र बनता जा रहा है। विकासनगर की अनुमानित जनसंख्या 2030 तक लगभग 1 लाख होने की संभावना है, जो इसके तेजी से विकास और शहरीकरण को दर्शाता है। इस शहर में कई आवासीय सोसाइटीज और औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जो इसकी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। *विकासनगर के प्रमुख पहलू:* - *भौगोलिक स्थिति*: विकासनगर देहरादून जिले में स्थित है, जो उत्तराखंड की राजधानी है। - *विकास*: शहर में तेजी से विकास हो रहा है, जिसमें आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। - *जनसंख्या*: 2030 तक जनसंख्या लगभग 1 लाख होने की संभावना है। - *शिक्षा और स्वास्थ्य*: शहर में कई शिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। - *परिवहन*: विकासनगर देहरादून और अन्य निकटवर्ती शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। विकासनगर का विकास और इसकी बढ़ती जनसंख्...

माता सीता का प्राचीन मंदिर

  भारत में रामायण को बहुत ही प्राचीन ग्रंथ माना जाता है जैसे भागवत गीता को उसी तरीके से भारत में एक स्थान है जहां माता सीता का प्राचीन मंदिर पाया गया है यह उत्तराखंड राज्य में पड़ता है जैसा कि आप जानते हैं यह लोकमानस मानता है कि सीता माता ने अपनी मां पृथ्वी की गोद में अंतिम शरण ली थी यही हम आप लोगों ने लोक कथाओं में सुना है गीतों में सुना है चित्रा वलियों में देखा है


और मिलता है और अगर हम इसी क्रम को आगे बढ़ाते हैं तो वह स्थान जो सीता माता का है प्राचीन मंदिर वह गढ़वाल में ऐसे 3 गांव है जो माता  सीता की बनवास तथा पृथ्वी के गर्भ में समा जाने के पवित्र तीर्थ स्थान माने जाते हैं और यह स्थान आदि काल से ही यहां इस मान्यता को बल देने वाले अभी तक मेले होते हैं और गीत प्रचलित है और मंदिर और गांव के नाम प्रचलित है यह तीनों गांव पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है जिनके नाम निम्न है!   

               

 1-  सीतानसीयु (फलासियारी)                                       

   2-  सीता सेण                                                            

    3-   बिदा कोटी                                                         

दोस्तों यदि आप पर्यटन और गुमकड़ी की जिज्ञासा रखते हैं तो आपको जरूर यहां पर एक बार जरूर जाना चाहिए और देखना चाहिए आखिर रामायण जैसा महाकाव्य जिसकी सीता माता एक बहुत बड़ा पात्र थी जिनके बारे में यह सही माने तो यह पौराणिक स्थान बहुत कुछ बोलता है क्योंकि आदिकाल से यहां के यह तीनों गांव के वासी मेले गीत लोकगीत आदि गाते आ रहे हैं और अपने प्राचीन संस्कृति से अभी तक भी जुड़े हुए हैं यहां के लोग अगर बात करें पहले गांव सीतानसीयु की तो यहां माता सीता का एक प्राचीन छोटा मंदिर था जिसे अब गांव के लोगों ने सामूहिक प्रयास से एक बड़ा मंदिर बनाया जा रहा है वही एक पहाड़ी टीले पर वाल्मीकि आश्रम अर्थात उनका मंदिर है


और यहीं पर हर वर्ष कार्तिक मास अर्थात नवंबर माह में सीता मेले का आयोजन होता है जहां सीता माता की पृथ्वी या धरती में समा जाते समय नागरिकों द्वारा शौक उनको रोके जाने के प्रयास का चित्रण होता है और #मातासीता के केस प्रजा जनों के हाथ में रह गए जो एक स्थानीय #दूबघास के देशों के रूप में ग्रामीण लोग मेले से सहेज कर घर और पूजा स्थल में रखते हैं और यहां पर आप जरूर जाएं इस स्थान पर जाने के लिए आपको ऋषिकेश तक  रेलवे स्टेशन  मिलेगा जिस के नजदीक देहरादून भी है और ऋषिकेश में भी आपको रहने के लिए होटल सराय वगैरा मिल जाएगी

और यहीं से 24 घंटे पौड़ी गढ़वाल के लिए ट्रैक्टर से लेकर गाड़ी बस आपको मिल जाएगी और आप सुरक्षित आप इन तीनों गांव में घूम सकते हैं और मेले पर आते हैं तो इस मेरे का भी आप आनंद ले सकते हैं और धार्मिक यात्रा करना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको यह देवभूमि आपको घूमने के लिए बहुत अच्छा स्थान है !

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